शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008

सबसे खतरनाक ...
अवतार सिंह संधू यानी 'पाश' ... पंजाबी के ख्यातनाम कवि... एक ऐसे मार्क्सवादी कवि जिन्हें अपनी बेबाकी के बदले में सीने पर गोलियाँ झेलनी पड़ीं। इन्हें पंजाबी का लोर्का (लोर्का स्पेन के जनकवि थे) कहा जाता है। अभी पिछले दिनों मेरे ख़ास मित्र कपिल ने मुझे उनकी एक किताब तोहफे में दी। उसी किताब 'बीच का रास्ता नहीं होता' से पाश की सबसे ख्यात कविता के अंश पेश कर रहा हूँ...

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती,
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती,
गद्दारी-लोभ की मुटठी सबसे खतरनाक नहीं होती,

बैठे - बिठाये पकड़े जाना बुरा तौ है,
सहमी - सी चुप में जकड़े जाना बुरा तौ है,
पर सबसे खतरनाक नहीं होता,

सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना,
ना होना तड़प का सब सहन कर जाना,
घर से निकलना काम पर और काम से घर लौट जाना,
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना।